Mahashivratra महाशिवरात्र
- Yogesh Kardile
- Feb 26
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आज खुशियों से भरा है ये दिन,
भारत के मन का पावन साज।
सह्याद्रि की ऊँची चोटियों पर,
बसते शंभू महादेव महाराज।

जिस रूप में चाहो, दर्शन पाएँ,
भक्तों के संग सदा जो आएँ।
पहली सीढ़ी पर मानव जैसे,
ज्ञान के दीप जलाए जाएँ।
वैज्ञानिकों के लिए नटराज,
अनु-रेणु में नृत्य दिखाए।
तांत्रिकों के शिवलिंग रूप में,
ध्यान में साकार हो जाए।
अंतिम राह में शून्य सा बनकर,
सृष्टि में समाया महाकाल।
समय की सीमा को भी जिसने,
अपने में रखा है बेहाल।
रायरेश्वर के मंदिर में,
शिवराय ने दी थी जो शपथ।
लहू से अभिषेक कर डाला,
स्वतंत्रता की जली थी अग्निपथ।
हड़प्पा में पशुपति बनकर,
उत्तर में भोले बाबा कहलाए।
दक्षिण में नटराज के जैसे,
सती के प्रियतम बनकर आए।
रुद्र, भैरव, कालभैरव बनकर,
नाथ परंपरा के थे आदि नाथ।
शिवाजी, शंभू राजों में भी,
रूप लिया कर दिया प्रकट।
हर नारी का सच्चा सखा,
युद्ध भूमि में वीरों का संग।
रक्त की हर बूँद में जीवित,
अधर्म के अंत का रणदंग।
हर हर महादेव की गूंज से,
बजे दिशाओं में शिव का राग।
शंभू महादेव की कृपा से,
बनी रहे भारत की भाग्यदाग।

Words & Images : Yogesh Kardile
In Frame : K Vasundhara Yogesh
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